दीपावली की सफाई
घर में दीपावली की सफाई चल रही है। कोई 7 साल बाद घर में पेंट हो रहा है। पेंट को लेकर मेरा कोई विचार नहीं था, लेकिन भाई पुखराज ने यह बीड़ा उठा लिया, और बार बार पुश करके ये काम शुरू करवा दिया। वो हैदराबाद रहता है, लेकिन घर का छोटा और समझदार बच्चा है, तो उसकी बात को हर कोई सीरियस लेता है। सफाई के माहौल मे जब सामान बिखरा होता है, तब घर की स्त्रियों के लिए बड़ी चुनौती होती है कि आखिर दाना पानी कैसे बनाये, बच्चों को पढ़ने कहाँ बैठाये। बच्चे भी मजे करते है, छोटी छोटी चीजों से खेलते कूदते, क़भी टूशन स्किप करते है, तो क़भी टीवी चला कर घंटो तक बैठे रहते है। एक बात तो है पत्नी कितनी महत्वपूर्ण भूमिका मे होती है, ये सफाई के दिनों मे ही मालूम पड़ता है। आदमी तो ढोलते ढोलते भी खुद को मेहनती ही जताता है, जाकिर ( कॉमेडियन ) सही कहता है, इतना तो इस दुनियाँ मे काम ही नही है जितना मर्द लोग बताते है )